tera intjaar

तेरा इन्तजार 

tera intjaar



बड़ी हसरत से तुझे देखे जा रहा था
वो बाजार में चूड़ियों को पहनते हुए तेरी खिलखिलाहट भरी हंसी
एक अजीब सी चुलबुली ख़ुशी मेरे दिल ने महसूस की
लगा की बस तू ही तू है इस जहाँ में मेरा सबकुछ

सोचा कदम बढ़ाऊ तो कैसे
मुहब्बत का पंछी उड़ाउँ तो कैसे
चारो और गिद्ध रूपी पहरेदार जो थे
पर साथ में मेरे कुछ वफादार भी थे

पैगाम पहुंचा जब मेरा  तुझतक
यकीन तो तेरी नजरो ने ही दिला दिया था
आता संदेशा तेरा जबतक
कभी तो अपने होंठो को हिला दिया होता
अपने लबो से भी कुछ फरमा दिया होता


हम तो तसल्ली कर लिए होते
कम से कम इस दिल को तो थोड़ा फुसला दिया होता
ये इश्क़  का रोग लाइलाज नहीं होता मेरी जान
बस तूने एक बार आवाज तो दिया होता

कुछ वक़्त बदला, कुछ बदले तेरे तेवर
कुछ हमने भी खुद को बदला
ना बदल सके तो इस दिल में तेरे कलेवर 


अभी भी इन्तजार तेरा करते है 

इश्क़ की गली में लोग ऐतबार मेरा करते है 
तू डरती है ज़माने से तो डरा कर 
अभी भी तेरे नाम पर पैमाने भरा करते है 

बड़ी कातिल थी तेरी निगाहें 
कम्बख्त दिल को भी ना छोड़ा 

तेरे इन्तजार में निकली दिल से आंहे 

दौड़ा न सका अपनी मुहब्बत का घोडा 



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                    जाने तू या जाने ना                                         इश्क़ ना करना 

                   तेरी मेरी कहानी                                               इश्क़ में 

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