उफ्फ ये बेरोजगारी - uff ye berojgari
कहते है खाली दिमाग शैतान का पर इस दिमाग में भरे क्या ? जबसे इंडिया में स्किल डिव्ल्पमेंट शुरू हुआ तबसे बेरोजगारी भी बढ़ना शुरू हो गई , पहले तो नौकरी के लिए सारे प्रयास कर लिए, एक से एक डिग्री ले ली। कई हजार के फॉर्म भर के परीक्षा दे आए कभी दो नंबर से चुके कभी चार से बसो और ट्रेनो पे लटक के गये लटकते टाइम कसम से ऐसी फीलिंग आई की इस बार नौकरी मिल के ही रहेगी पर पता नही क्यों रिज़ल्ट से ये फेल कीवर्ड नही हटा पाए।
इसी चक्कर में पूरा भारत भ्रमण भी कर लिया। परीक्षा देते समय सारे नियमों का पालन भी किया, सुबह – सुबह उठकर काली गाय को ढूंढ़कर रोटी खिलाने से लेकर नित्य हनुमान चालीसा तक सब किया कई बार गाय की दुलत्ती भी खानी पड़ी। कई पंडितों को हाथ से लेकर कुंडली तक, सब दिखाया कभी कोई राहु काल बताता तो कभी कोई शनि की महादशा और हम इन्ही ग्रहों के चक्कर काटते रह जाते।
उफ्फ ये बेरोजगारी - uff ye berojgari
कई लड़की वाले सुन्दर मुखड़ा देख के अनायस ही पूछ बैठते की” बेटा क्या कर रहे हो “कसम से इतना गुस्सा आता की कह देते “अंकल कलेक्टर “है। किसी ऑफिस वगैरह में यदि किसी काम से जाना भी पड़ता तो कोशिश करते की ना ही जाये क्योंकि वहा पे भी यही सवाल दागा जाता और उत्तर ना मे सुनने पर सामने वाले को ऐसा लगता जैसे हमसे बड़ा बेचारा कोई है ही नही. अब तो रिश्तेदारियो मे भी हमने जाना छोड़ दिया क्योंकि वहा तो इस सवाल के साथ उपदेश ज्यादा होता था इनके द्वारा अनेक ऐसे लडको का इज्जत के साथ उदाहरण दिया जाता जिन्हे अच्छी नौकरिया मिल चुकी है और लगता था जैसे हमारी कोई इज्जत ही नही है.
कई समाज सुधारको द्वारा सूचना केन्द्र की तरह कोई भी फॉर्म निकलने पर तुरंत हमे इत्तेला किया जाता था वो भी पूरे नसीहत के साथ . अब कहा कहा हम इस गुस्से को कण्ट्रोल करते कही कही तो विस्फोट हो ही जाता था. कई सुभचिंतक हमपे दोष ना देकर व्यवस्था, सरकार और राजनीति पे दोष देने लगते .
कभी कभी तो कसम से हमको भी सरकार पे बड़ा गुस्सा आता लगता जैसे इनके घर नही बसे वैसे ही ये नही चाहते की हम बेरोजगारो के भी घर बसे . आखिर हम भी क्या करे नौकरियो की हालत एक अनार सौ बीमार वाली जो हो गई है . दिन रात पढ़ते – पढ़ते तो अब किताबे भी नाराज हो गई है कहती है इतना घिसोगे तो पानीपत के मैदान से सारी सेना ही गायब हो जायेगी बस मैदान रह जायेगा .
अब तो लगता है कही एक पकौड़े का ठेला ही लगा दे …
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Hindi hamari kachi hai lekin Bohot acha laga padke. Wish you best of luck in your future.
जवाब देंहटाएंjee bahut bahut shukriya .aapkki tippani ke shabd hame aur achha karne ki prerna deye hai ek baar fir se very very thanku
जवाब देंहटाएंलाजवाब लेख सर
जवाब देंहटाएंshukriya
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