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मोदी राजा - king modi 


बचपन मे एक खेल होता था जिसमे चार पर्चिया बनाई जाती थी , राजा ,मंत्री ,चोर और सिपाही सबसे ज्यादा नंबर राजा की पर्ची आने वाले को मिलता था . और उसे अपने मंत्री को चोर को पकड़ने का आदेश देना पड़ता था , मंत्री, चोर और सिपाही मे से अनुमान लगा कर बताता था की कौन चोर और कौन सिपाही है , गलत अनुमान पर मंत्री के नंबर काट लिये जाते थे, इस खेल ने मौजूदा भारतीय राजनीतिक हलचल जिसमे चोरो की बढ़ती संख्या के विषय मे सोचने पर मजबूर कर दिया है . चोरो की नवीन सूची मे नाम जुड़ा है नीरव मोदी का जिन्होने बॅंको मे जमा आम आदमी और सरकार के पैसो मे करीब 11000 करोड़ की सेंध लगाई है. और हमारे देश की भ्रष्ट व्यवस्था की वजह से वो ऐसा करने मे कामयाब हुआ है .


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किंग मोदी 

 पंजाब नैशनल बैंक जो की पहला भारतीय बैंक होने के गौरव से सम्मानित है ने अपनी प्रतिष्ठा धूमिल की है . इससे इंकार नही किया जा सकता की बैंक की अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक इस भ्रष्टाचार मे संलिप्त थे . भ्रष्टाचार से याद आता है की इस देश के प्रधान सेवक ने कहा था की वो विदेशो मे जमा काला धन वापस लायेंगे मुझे लगता है की वो ये बताना भूल गये थे की अपने देश का सफेद धन वो विदेश लेकर भागने देंगे ,जैसे माल्या से लेकर नीरव मोदी तक बहुत ही आसानी से देश का सफेद धन लेकर विदेशो मे भाग रहे है उससे तो लगता है की आने वाले दिनो मे इसका प्रचलन काफी बढ़ने  वाला है . हमारे देश के प्रधान सेवक जिनको खुद विदेश से हद से ज्यादा  लगाव है देश की संपत्ती और धन को सुरक्षित रख पाने मे असमर्थ है . एक मुद्दा जिसने इस सरकार को सत्ता मे आने मे मदद की और जिसे सभी जनलोकपाल कहते है कही गुम सा हो गया है ये बात कही ना कही प्रधान सेवक के कथनी और करनी मे प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है , ये ऐसा अहम मुद्दा है जिसे जोर शोर से उठाये जाने पर बीजेपी विचलित हो सकती है.

राजा कभी नही चाहेगा की एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण हो जो उसके अनुचित कार्यो की निगरानी रखे . ललित मोदी से लेकर नीरव मोदी के जुर्म कर विदेश भागने की संस्कृति कही ना कही मोदी को ही कठघरे मे खड़ा करती है क्योंकि लोकतंत्र भाषणो से नही चलता और जवाबदेही सबको देनी पड़ती है चाहे वो मंत्री हो या राजा.

मुद्दों से कही दूर हमारे देश के राजा मोदी जी के पास अभी केवल इतना समय अवश्य है की वे सत्ता में आने के चार साल बाद भी कांग्रेस को जी भर के कोसते है इन चार सालो का उपयोग उन्होंने पूरी पृथ्वी का  भ्रमण करने में अवश्य किया है।  उनसे पूछना चाहिए की अभी तक कितना निवेश विदेशो से  भारत में आ चूका है। 
अभी भी पकिस्तान अपनी कारगुजारिओ से बाज क्यों नहीं आता। नीरव मोदी जैसे लोगो की संख्या हमारे देश में क्यों बढ़ती जा रही है। 
गंगा कितनी साफ़ हो गई क्या अब गंगा माँ आप को नहीं बुलाती ,सांसदों के गोद  लिए गांवो का क्या हाल है , कुछ नहीं तो दिल्ली के सातो सांसदों के कार्य ही दिखला दीजिये।
स्मार्ट शहरो के नाम पे जनता को इतना गदगद करने के बाद क्या उनकी सड़क तक का निर्माण हुआ है। काला धन पे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में आपको कमिटी गठित करनी पड़ी। जिस gst का आपने 12  प्रतिशत  की दर से कांग्रेस द्वारा लागु होने पर  इतना विरोध किया उसको  28  प्रतिशत तक की दर से हिंदुस्तान की जनता पर लागू करते थोड़ी भी दया नहीं आई। जिस fdi का आपने इतना विरोध किया उसी को  इस देश के रक्षा मंत्रालय तक में लागु कर दिया।  
खैर आप सेवक नहीं राजा है राजा मोदी। जो आज भी अपने भाषणों से जनता का मन मोहते है और मन की बात करते है पर ये हिन्दुस्तान की आवाम है जो सर आखो  पे बैठाना जानती है तो अर्श से फर्श पे लाना भी। 


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