laal musafir

लाल मुसाफिर 


दोपहर के तीन बजे मुंबई सेन्ट्रल स्टेशन पर उतरने के बाद एहसास होता है की की शायद यह सपना तो नहीं , क्योंकि देश और दुनिया के व्यस्ततम स्टेशनों में से एक मुंबई सेंट्रल पर सिवाय मोटे , बिल्ले जैसे चूहों के सिवा किसी एक  प्राणी का नामोनिशान तक नहीं था ।

परन्तु कुछ ही देर में पता चल जाता है यह सपना नहीं हकीकत है।  घबराहट के साथ डर भी लग रहा था , शायद ऐसी कल्पना हॉलीवुड की फिल्मो में की जाती होगी , परन्तु वीरान पड़ा स्टेशन शहर में किसी अनहोनी  की पुष्टि कर रहा था। आखिर एकाएक सारे के सारे मनुष्य चले कहा गए ।  ट्रेन जिससे मैं उतरा था पिछले स्टेशन पर ही खाली हो गई थी और इंजन के पास जाने पर पैरो के नीचे की जमीन भी खिसक गई क्योंकि इसमें तो इंजन था ही नहीं  । 

मेरी नई कहानी का एक छोटा सा अंश पूरी कहानी श्रृंखलाबद्ध जल्द ही आपके सामने होगी - 

Hindu has become the most violent religion

हिन्दू सबसे हिंसक धर्म बन गया है



पहले तो यह बता दूँ की उर्मिला मार्तोडकर का पूरा बयां क्या था। उर्मिला मार्तोडकर ने कहा है की " नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिन्दू सबसे हिंसक धर्म बन गया है " .

अब आते है इस बयां के विश्लेषण पे। चूँकि उर्मिला मार्तोडकर ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया है और उससे पहले एक मुस्लिम कश्मीरी व्यवसाई से शादी करके इस्लाम ज्वाइन कर लिया है। यहाँ दोनों के लिए ज्वाइन शब्द इसलिए क्योंकि वर्तमान समय में राजनीति का आधार धर्म पर आकर टिक जाता है। वैसे आजतक का इतिहास उठाकर देखे तो राजनीति और धर्म , शासन के लिए एक दूसरे के पूरक रहे है , और सत्ता में शामिल होने का एक माध्यम भी। यही कारण है की उर्मिला मार्तोडकर ने पहले इस्लाम ज्वाइन किया फिर निश्चित रूप से उन्हें कांग्रेस ज्वाइन करना ही था।

अब यहाँ से हम उनको उनके नए चोले के अनुसार बेगम अख्तर मीर के नाम से सम्बोधित करेंगे । बेगम अख्तर मीर अपने समय की एक बेहतरीन अदाकारा थी और उर्मिला मार्तोडकर के नाम से जानी जाती थी । हर अदाकारा ( महिला ) का एक समय होता है और उसके पश्चात वह मुख्य भूमिका से सहायक भूमिका या किसी अन्य किरदार ( व्यक्तिगत जीवन में भी ) में नजर आने लगती है। बेगम मरियम अख्तर मीर ने बड़े परदे से उतरने के पश्चात घर - गृहस्थी बसाना उचित समझा , उनके अंदर अभी भी कहीं ना कहीं स्टारडम की महत्वकांक्षा हिलोरे मार रही थी इसलिए उन्होंने राजनीति में उचित अवसर देखकर टिकट की उम्मीद से कांग्रेस से नाता जोड़ लिया ।
अब पहली फिल्म की तरह पहला स्टेटमेंट भी ब्लॉकबस्टर होना ही चाहिए इसलिए बहुसंख्यक हिन्दू आबादी और सर्वाधिक लोकप्रिय नेता का मिश्रण करते हुए यह स्टेटमेंट की "नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिन्दू सबसे हिंसक धर्म बन गया " दे ही दिया । हिन्दुओ को इससे आघात लगा और मोदी समर्थको को गहरा धक्का , हालांकि वर्तमान समय में बहुसंख्य हिन्दुओ की आस्था मोदी में केंद्रित है । हिन्दू एक ऐसा धर्म रहा है जिसने वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को अपनाया , जिसने मुस्लिम शासको के साथ ईसाइयो का भी साथ दिया। यह अलग बात थी की इनके शासन में हिन्दुओ के साथ ना जाने क्या - क्या हुआ । मुस्लिम शासन में निश्चित तौर पर हिन्दुओ का मनोबल गिरा और साथ ही ईसाई शासन में भी , क्योंकि इन शासको ने जैसा मैंने पहले कहा है धर्म आधारित राजनीति को प्रश्रय दिया। और हिन्दू धर्म की बुनियाद पर आघात किया।
समय के साथ आजादी के बाद हिन्दू धर्म को कांग्रेस ने जाति आधारित राजनीति से विभाजित कर सत्ता अपने पास बरकरार रखी 

कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का अंदरूनी झुकाव किसी से छिपा नहीं है , परन्तु यह तथ्य आजादी के बाद जिनको पता थी वह इसे जनता के सम्मुख नहीं रख पाए इंटरनेट क्रांति के बाद इस तरह की सूचनाओ का आदान प्रदान तेजी से हुआ और कांग्रेस के दोहरे आचरण की पोल खुलती गई । कांग्रेस के अलावा हिन्दू हितो की बात किसी ने खुलकर नहीं की सिवाय मोदी के , आडवाणी भी जिन्ना के बयान के बाद अपने राजनीतिक करियर पर कुल्हाड़ी मार बैठे । मोदी उदय के साथ हिंदुत्व ने एक नई परिभाषा को जन्म दिया जिसमे राष्ट्रवाद का भी मिश्रण था। एक बार फिर हिन्दुमानस अपने इतिहास को याद करने लगा और मोदी के नेतृत्व में स्वयं को सहज पाने लगा। इसके अलावा वह हिन्दू धर्म की मूल भावना के इतर हिंसक कभी नहीं हुआ। दो चार घटनाये राजनीति से प्रेरित अवश्य थी जिसे मीडिया ने मिर्च मसाले के साथ पेश किया । हां उसका मनोबल कुछ ऊँचा जरूर हुआ है और इस बढे हुए मनोबल की व्याख्या अलग - अलग रूपों में अवश्य हो सकती है।
बेगम मरियम अख्तर मीर कांग्रेस की उसी विचारधारा से प्रभावित है जिसका पोषण उनके अंदर हुआ है। मैं किसी धर्म पर टिपण्णी नहीं कर सकता क्योंकि धर्म हमें भेद करना नहीं सिखाता , मैं उस व्यक्तिगत धर्म के खिलाफ हूँ जिसका पोषण दूसरे धर्म को ठेस और क्षति पहुँचाने के लिए किया जाता है । उनके चुनावी क्षेत्र में में भी इस तरह के बयान की आवश्यकता थी जिससे उनके राजनीतिक किरदार को समझने में आवश्यकता हो । और इस एक स्टेटमेंट से उन्होंने बता दिया की भविष्य में उनका किरदार क्या होगा।

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