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rahul and rafal


राहुल का राफेल राग खतरे में देश 

rahul and rafel


चाहे आप किसी दल या नेता के खिलाफ हो परंतु आप सत्ता के लिये देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नही कर सकते . राहुल गाँधी भाजपा पर इस कदर हमलावार हैं की देश की सुरक्षा से ही खिलवाड़ करने पर उतारू हो चुके है . उनको लगता है की राफेल डील मे सरकार ने घोटाला किया है , उनको लगता है की सरकार सुरक्षा पर अहम जानकारिया सार्वजनिक करे जिससे वी चीन और पाकिस्तान को इसकी जानकारी दे सके इसीलिये पाकिस्तान ने उनका समर्थन किया है .


एक पूर्व प्रायोजित साजिश के तहत सरकार को रक्षा डील को सार्वजनिक करने पर मजबूर करना कहा तक उचित है , उसपर से आप विपक्ष मे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार भी है क्या होता अगर आप प्रधानमंत्री बन जाते आप तो देश की सुरक्षा को ही ताक पर रख देते और पाकिस्तान और चीन को खुश करने मे कोई कसर नही छोड़ते . अभी तक राफेल मे आप सिर्फ फ़्राँस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान को आधार बताते है . आप को मालूम होना चाहिये की वे एक पूर्व राष्ट्रपति होने के साथ ईसाई भी है जो की भारत सरकार द्वारा ईसाई मिशनरियो की फंडिंग और इनके द्वारा भारत मे ईसाईकरण पर लगाम लगाने से क्षुब्ध भी .

राहुल गाँधी आजकल खुद को हिन्दू कहलवाना पसंद करते है लेकिन इसकी जरूरत क्यो आ पड़ी और क्या राहुल गाँधी अपनी और प्रियंका गाँधी की कोई ऐसी तस्वीर भी सांझा करना पसंद करेंगे जिसमे वे  रक्षाबन्धन का पर्व प्रियंका गाँधी के साथ मनाना पसंद करते हो .क्या वे अपने बहनोई का धर्म बताना पसंद करेंगे . जिनके हाथो पर रक्षासूत्र नही दिखता .

राफेल कारगिल युद्ध के बाद से ही सेना के लिये जरूरी माना गया परंतु कांग्रेस सरकार और इसके बिचौलियो ने अपने हित पूरी ना होते देख इसे लंबे समय तक लटकाये रखा और अब जब सेना और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मोदी सरकार ने इसे अंतिम रूप दिया तो आप उसके पीछे ही प़ड गये . राहुल गाँधी तीन बार राफेल की अलग - अलग कीमते बता चुके है . पहले तो मैं राहुल गाँधी से ये पूछना चाहूंगा की वे ना तो तत्कालीन समय मे प्रधानमंत्री थे और ना ही कांग्रेस के अध्यक्ष फिर उनके पास राफेल की जानकारी कहा से आई और अगर आई भी तो उन्हे इस तरह सार्वजनिक करते हुए क्या वे भारत विरोधी ताकतो की मदद नही कर रहे .

वे बोलते है की भाजपा ने रिलायंस का नाम फ़्राँस को सुझाया था और भाजपा बोलती है की फ़्राँस की कम्पनी का पहले से ही रिलायंस के साथ करार था . अगर भाजपा सही हो तो राहुल गाँधी का क्या ?

कांग्रेस सरकार मे एच ए एल और अन्य सरकारी उपक्रम इनकी कठपुतली मात्र थे जिनसे ये अपनी मंशा पूरी करते थे और इस कारण इन्होने कभी भी तकनीकी रूप से इन्हे इतना विकसित नही होने दिया जितना आज ये इससे अपेक्षा कर रहे है . अगर फ़्राँस की कम्पनी रिलायन्स के साथ पूर्व मे करार कर भी ली है तो इसमे ऐसा कौन सा गुनाह है . आखिर वह भी तो अन्य राष्ट्रो की तरह देश मे रक्षा उपकरणो को बना सकती है ताकि आवश्यकता होने पर और आपात परिस्थितियो मे देश की रक्षा सम्बंधी आवश्यकताओ की पूर्ति की जा सके .

अगर आप को लगता है की मोदी रिलायंस की वफादारी करते है तो आप बता सकते है की केजी बेसिन मे रिलायंस को बढे हुए मूल्य सरकार क्यो चुकाती थी . ऐसे मे मोदी टाटा से करार करते तो भी आप यही कहते, आखिर देश के विकास का बोझ सरकारी कम्पनियाँ कहा तक उठाने मे सक्षम है और आपने इतने सालो मे इन्हे कितना सक्षम बनने दिया आपसे बेहतर कौन जान सकता है .

rahul and rafel

राहुल गाँधी बस राफेल की खामियां गिना दे तो उनकी सारी बातें सही मानी जा सकती है लेकिन अगर एक भी खामी नही गिना पाये तो देश उनसे सवाल जरूर पूछेगा की क्या सत्ता ही उनके लिये सबकुछ है . क्या वे इटली की किसी कम्पनी से सौदा ना किये जाने से खफा है या फिर देश के मजबूत होते रक्षातंत्र से . क्या वे देश मे तेजी से खत्म होते ईसाई मिशनरियो और नक्सलवाद से खफा है या फिर खुद को राजनीति मे स्थापित ना कर पाने से .



इन्हे भी पढ़े - राफेल विमान सौदा  

rahul gabdhi and singapur's truth


राहुल गाँधी और सिंगापुर का सच  rahul gandhi aur singapur ka sach - 




राहुल गाँधी कब कहा पहुँच जाते है ये किसी को नहीं पता रहता , फिलहाल उन्होंने इस बार सिंगापुर से बीजेपी पे हमला किया है। 
राहुल गाँधी सिंगापुर के ली कुआन यिवु स्कूल की परिचर्चा में भाग ले रहे थे , यह सिंगापुर के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है जिसकी परिचर्चा में उन्हें आमंत्रित किया गया था , कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठित लेखक प्रसेनजित के बसु कर रहे थे। परिचर्चा में  राहुल गाँधी कहते है की भारत में इस समय एक अलग तरह की राजनीति हो रही है। जिसमे लोगो को बांटा जा रहा है और उनके अंदर गुस्सा पैदा किया जा रहा है ताकि यह गुस्सा वोट बैंक  में बदल सके।  हालांकि वे ये भी कहते है की इस तरह की राजनीति विश्व के कई अन्य देशो में भी हो रही है। 

राहुल इससे पहले अमेरिका में भी एक प्रेस कांफ्रेंस में नए अवतार में दिखाई दिए थे , पता नहीं इनको अपने देश की मीडिया से क्या दिक्कत है जो हमेशा विदेशी मीडिया में जाकर विपक्ष पर अत्यधिक हमलावर हो जाते है। 
या उन्हें लगता है इस देश की मीडिया हर बात पे उनकी गलत छवि पेश करती है। 

राहुल गाँधी ने इस परिचर्चा में उच्चतम न्यायलय के चार वरिष्ठ न्यायधीशों का भी जिक्र किया, उन्होंने जस्टिस लोया मामले में सीधे - सीधे अमित शाह का नाम लिया राहुल गांधी ने यह भी  कहा की भारत में इस समय एक तरह के  डर का माहौल है , आज अगर महात्मा गाँधी जीवित होते तो वे भी दुखी होते। 

प्रसेनजीत बसु ने कांग्रेस के  वीडियो  को फर्जी करार दिया -  



इस वीडियो को कांग्रेस के ट्विटर हैंडलर पे डाला गया है। जिसको देखने के बाद लेखक प्रसेनजीत बसु ने ही इसमें  गलत तरीके से एडिटिंग करने का आरोप लगाया है , उनके अनुसार सवालों और जवाबो की इस कड़ी में काफी कांट - छांट की गई है , जिससे की मूल वीडियो ही बदल गया है।  कांग्रेस पार्टी पर इस तरह का यह कोई पहला आरोप  नहीं है इससे पहले भी इस तरह के कई आरोप  लगते आये है , पर जिसने सवाल पूछा वही अगर इस विडियो  पर सवालिया निशान  लगाता है तो प्रश्न कांग्रेस की सुचिता और राजनीति के गिरते स्तर पर आना स्वाभाविक है। प्रसेनजीत बसु ने इस वीडियो  को कांग्रेस द्वारा जल्द से जल्द अपने ट्विटर हैंडलर से हटाने को कहा है। अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती है तो उसे सिंगापुर की अदालत  में आने के लिया तैयार रहना होगा। 

महत्वपूर्ण सवाल - 


प्रसेनजीत के जो सबसे महत्वपूर्ण सवाल राहुल गाँधी से थे उनमे वंशवाद को लेकर सीधा प्रश्न यह था  की उनकी पार्टी  भारत में 62 साल सत्ता में रही और इतने दिनों में जब परिवार से कोई प्रधानमंत्री रहा तब - तब  भारत में आम आदमी की औसत आमदनी विश्व की अपेक्षा कम  रही यानि आम आदमी गरीब ही रहा जबकि  परिवार अमीर  होते गया , वही जब सत्ता परिवार से इतर कांग्रेस में ही या अन्य दलों में  दुसरे व्यक्ति के हाथ में रही जैसे नरसिम्हा राव, अटल बिहारी बाजपेयी  तो आम आदमी की जीडीपी संसार के अन्य देशो की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ी। नेहरू के समय तो जीडीपी स्वाभाविक रूप से जितनी बढ़नी चाहिए उससे भी कम रही। इसका अर्थ यह है की परिवार  भारत को एक गरीब देश बनाकर रखना चाहता  था । 
कांग्रेस इन 62 सालो में भारत को गरीबी से मुक्ति क्यों नहीं दिला पाई जबकि वर्तमान सरकार के केवल चार साल पुरे होने पर उससे हिसाब माँगा जाता है। 

ऐसे ही कई सवालों के जवाब जो उस समय राहुल गांधी नहीं दे पाए उनको इस वीडियो में एडिटिंग के जरिये दर्शाया या हटाया  गया है। 
एक सवाल मेरा भी कांग्रेस से था जो मैं बार -  बार पूछता हूँ की अगर परिवारवाद न होता तो क्या राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद के सबसे योग्य  उम्मीदवार है , और क्या इतनी नाकामियों के बाद भी  वे इस कुर्सी और कांग्रेस के भावी प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी पर टिके  रह पाते  ?

इन्हे भी पढ़े - 

नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी 

मोदी राजा - king modi 



Bitcoin


बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा  bitcoin a cryptoicurrency 


बिटकॉइन को लेकर तरह तरह के भ्रम और जिज्ञासाएं अक्सर ही हमारे दिमाग में चलती रहती है ,बिटकॉइन क्या है ? ये कैसे काम करती है ? यहाँ हम बिटकॉइन के बारे में चर्चा  करेंगे और जानेंगे की की इस आभासी मुद्रा का संसार भर में इतना जिक्र क्यों है। 


bitcoin image
बिटकॉइन इमेज 

BITCOIN -   बिटकॉइन एक ऐसी मुद्रा है जो हमें दिखाई नहीं देती, इसका अविष्कार सातोशी नाकामोतो  नामक  एक इंजीनियर ने सन  2008 में किया था।  और यह अगले साल मार्केट में आ गया। 

जैसे हम अपने डेबिट / क्रेडिट कार्ड से पैसे का ट्रांसफर करते है वैसे ही  हम बिटकॉइन का ट्रांसफर करते है।  बिटकॉइन एक डिजिटल वॉलेट में स्टोर होता है इसे खरीदने के लिए हमें अपनी देश की मुद्रा का हस्तांतरण करना पड़ता है। वर्तमान समय में बिटकॉइन की कीमतों में उतार चढ़ाव जारी है तथा इस समय संसार में एक करोड़ से ज्यादा बिटकॉइन प्रचलन में है।  यह हम आपको बता दे की बिटकॉइन को किसी भी देश ने मान्यता नहीं प्रदान की है तथा भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इसके बारे में लोगो को जागरूक किया है।  लेकिन फिर भी इसके तात्कालिक लाभ को देखते हुए लोगो का आकर्षण बढ़ता ही जा रहा है।  इसी कारण कई ऑनलाइन शॉपिंग कम्पनिया ,एयर लाइन ,होटल, इत्यादि इसकी इजाज़त दे रहे है।  

बिटकॉइन का निर्माण - बिटकॉइन के निर्माण को बिटकॉइन माइनिंग कहते है। इसका निर्माण कई सारी प्रक्रियाओं के बाद होता है जो की अत्यंत ही  कठिन कार्य है। बस इतना समझ लीजिये की इसके निर्माण में कई  शक्तिशाली  कम्प्यूटर , बेहद ही  जटिल गणितीय  प्रणाली , प्रति सेकेंड लाखो कैल्कुलेशन  व असीम ऊर्जा ( बिजली ) की आवश्यकता पड़ती है। और अंत में बिटकॉइन निर्माण के सॉफ्टवेयर की। 

अनेक लोगो ने बिटकॉइन को एक जाली करेंसी कहा है जो कभी भी बंद हो सकती है। 

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