राहुल गाँधी और सिंगापुर का सच rahul gandhi aur singapur ka sach -
राहुल गाँधी कब कहा पहुँच जाते है ये किसी को नहीं पता रहता , फिलहाल उन्होंने इस बार सिंगापुर से बीजेपी पे हमला किया है।
राहुल गाँधी सिंगापुर के ली कुआन यिवु स्कूल की परिचर्चा में भाग ले रहे थे , यह सिंगापुर के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है जिसकी परिचर्चा में उन्हें आमंत्रित किया गया था , कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठित लेखक प्रसेनजित के बसु कर रहे थे। परिचर्चा में राहुल गाँधी कहते है की भारत में इस समय एक अलग तरह की राजनीति हो रही है। जिसमे लोगो को बांटा जा रहा है और उनके अंदर गुस्सा पैदा किया जा रहा है ताकि यह गुस्सा वोट बैंक में बदल सके। हालांकि वे ये भी कहते है की इस तरह की राजनीति विश्व के कई अन्य देशो में भी हो रही है।
राहुल इससे पहले अमेरिका में भी एक प्रेस कांफ्रेंस में नए अवतार में दिखाई दिए थे , पता नहीं इनको अपने देश की मीडिया से क्या दिक्कत है जो हमेशा विदेशी मीडिया में जाकर विपक्ष पर अत्यधिक हमलावर हो जाते है।
या उन्हें लगता है इस देश की मीडिया हर बात पे उनकी गलत छवि पेश करती है।
राहुल गाँधी ने इस परिचर्चा में उच्चतम न्यायलय के चार वरिष्ठ न्यायधीशों का भी जिक्र किया, उन्होंने जस्टिस लोया मामले में सीधे - सीधे अमित शाह का नाम लिया राहुल गांधी ने यह भी कहा की भारत में इस समय एक तरह के डर का माहौल है , आज अगर महात्मा गाँधी जीवित होते तो वे भी दुखी होते।
प्रसेनजीत बसु ने कांग्रेस के वीडियो को फर्जी करार दिया -
इस वीडियो को कांग्रेस के ट्विटर हैंडलर पे डाला गया है। जिसको देखने के बाद लेखक प्रसेनजीत बसु ने ही इसमें गलत तरीके से एडिटिंग करने का आरोप लगाया है , उनके अनुसार सवालों और जवाबो की इस कड़ी में काफी कांट - छांट की गई है , जिससे की मूल वीडियो ही बदल गया है। कांग्रेस पार्टी पर इस तरह का यह कोई पहला आरोप नहीं है इससे पहले भी इस तरह के कई आरोप लगते आये है , पर जिसने सवाल पूछा वही अगर इस विडियो पर सवालिया निशान लगाता है तो प्रश्न कांग्रेस की सुचिता और राजनीति के गिरते स्तर पर आना स्वाभाविक है। प्रसेनजीत बसु ने इस वीडियो को कांग्रेस द्वारा जल्द से जल्द अपने ट्विटर हैंडलर से हटाने को कहा है। अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करती है तो उसे सिंगापुर की अदालत में आने के लिया तैयार रहना होगा।
महत्वपूर्ण सवाल -
प्रसेनजीत के जो सबसे महत्वपूर्ण सवाल राहुल गाँधी से थे उनमे वंशवाद को लेकर सीधा प्रश्न यह था की उनकी पार्टी भारत में 62 साल सत्ता में रही और इतने दिनों में जब परिवार से कोई प्रधानमंत्री रहा तब - तब भारत में आम आदमी की औसत आमदनी विश्व की अपेक्षा कम रही यानि आम आदमी गरीब ही रहा जबकि परिवार अमीर होते गया , वही जब सत्ता परिवार से इतर कांग्रेस में ही या अन्य दलों में दुसरे व्यक्ति के हाथ में रही जैसे नरसिम्हा राव, अटल बिहारी बाजपेयी तो आम आदमी की जीडीपी संसार के अन्य देशो की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ी। नेहरू के समय तो जीडीपी स्वाभाविक रूप से जितनी बढ़नी चाहिए उससे भी कम रही। इसका अर्थ यह है की परिवार भारत को एक गरीब देश बनाकर रखना चाहता था ।
कांग्रेस इन 62 सालो में भारत को गरीबी से मुक्ति क्यों नहीं दिला पाई जबकि वर्तमान सरकार के केवल चार साल पुरे होने पर उससे हिसाब माँगा जाता है।
ऐसे ही कई सवालों के जवाब जो उस समय राहुल गांधी नहीं दे पाए उनको इस वीडियो में एडिटिंग के जरिये दर्शाया या हटाया गया है।
एक सवाल मेरा भी कांग्रेस से था जो मैं बार - बार पूछता हूँ की अगर परिवारवाद न होता तो क्या राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष पद के सबसे योग्य उम्मीदवार है , और क्या इतनी नाकामियों के बाद भी वे इस कुर्सी और कांग्रेस के भावी प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी पर टिके रह पाते ?
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