कांग्रेस मुक्त भारत की ओर congress mukt bharat की ओर -
त्रिपुरा ,मेघालय और नागालैंड एक बार फिर से बीजेपी इन तीन राज्यों में भी सरकार बनाने में कामयाब हुई।
इन तीनो राज्यों में मेघालय में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी कांग्रेस सरकार बनाने में चूक गई। वैसे इसमें कोई बड़ी बात नहीं थी क्योंकि कांग्रेस पार्टी इस समय कमजोर नेतृत्व के दौर से गुजर रही है.राहुल गाँधी एक बार फिर अपनी नानी से मिलने इटली जा चुके है वैसे उन्हें अपनी नानी को ही इंडिया बुला लेना चाहिए था , मुझे लगता है पार्टी से ज्यादा उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाने में सहजता महसूस होती है , सोनिया गांधी को भी समझ लेना चाहिए की किसी को भी उसके रूचि के अनुसार ही काम देना चाहिए नहीं तो वो उस काम का पूरा बंटाधार कर सकता है।
इन तीन राज्यों में बीजेपी को उम्मीद से बढ़कर समर्थन मिला है जोकि साबित करता है की बीजेपी और मोदी का जलवा कायम है और वे कांग्रेस मुक्त भारत की ओर बढ़ते दिख रहे है। वर्तमान समय में 21 राज्यों में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की सरकार है जिनमे से 15 राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्री है ,कांग्रेस केवल 3 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में सिमट के रह गई है जिनमे से पंजाब और कर्नाटका बड़े राज्य है बाकि मिजोरम और एक केंद्र शासित प्रदेश पॉन्डिचेरी है।
यह कहना कबीले तारीफ़ होगा की बीजेपी ने इन राज्यों के लिए विशेष रणनीति बनाई थी इन राज्यों में चर्च का प्रभाव भी रहता है जिसके लिए बीजेपी ने अपना हिंदुत्व वादी चेहरा छोड़कर नई रणनीति बनाई और आम आदमी का विश्वास जितने में कामयाबी हासिल की। कांग्रेस अपनी आपसी गुटबाजी का शिकार हुई और आलाकमान उस पर कोई नियंत्रण नहीं कर पाया अब तो लगता है बीजेपी को कांग्रेस मुक्त भारत बनाने में खुद कांग्रेस और उसका कमजोर नेतृत्व ही एक सहायक के तौर पे काम कर रहे है।क्योंकि कांग्रेस के पास मुद्दे होते हुए भी वो उनका इस्तेमाल नहीं कर पाती , संघठन में भी निराशा घर करते जा रही है जो की कमजोर नायकवाद या यू कहे की परिवारवाद को आगे बढ़ाने का ही फल है , नहीं तो कांग्रेस पार्टी में अभी कई ऐसे नेता है जो एक कुशल नेतृत्व देने में सक्षम है परन्तु उनके आगे आने पर पार्टी से परिवार का नियंत्रण क्षीण हो जायेगा। इसीलिए बीजेपी को वर्तमान में कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को पूरा करने से रोकने वाला कोई दिखाई नहीं देता।
मोदी लहर इसलिए और बढ़ती जा रही है की किसी भी पार्टी में नरेंद्र मोदी जैसा विश्वसनीय चेहरा नहीं है यही कारण है की अगले चुनाव नरेन्द्र मोदी बनाम ब्रांड मोदी के बीच होंगे जहा इतने सालो में मोदी के समक्ष चुनौती उनके द्वारा किये गए वादे ही होंगे। फिलहाल इन चुनावों के नतीजे बीजेपी के लिए 2019 की पृष्ठभुमि तैयार करने में काफी हद तक सहायता प्रदान करेंगे।
मौजूदा समय में कांग्रेस को अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा क्योंकि बीजेपी ने जो कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखा था वो कही न कही पूरा होते दिख रहा है , हर राज्य में होने वाले चुनाव में प्रमुख चेहरा मोदी का ही होता है इसीलिए जीत का सेहरा भी किंग मोदी के सर ही बंधता है।
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