आप की कसम और आप का माफीनामा arvind kejriwal ka mafinama
बहुत दिन बाद भारतीय राजनीति में कुछ नया देखने को मिला , पहले तो अभिनेता राजनीति मे आते थे अब लोग राजनीति मे आने के बाद अभिनय करते है , इधर कुछ दिनो से तो भारतीय राजनीति मे अभिनय को लेकर भारी प्रतिस्पर्धा है और गिरगिट जैसे छोटे जीव के पास उतने रंग नही रह गये है जितने रंग राजनीति मे देखने को मिल रहे है . कुछ हद तक गलती आम जनता की भी है जो वास्तविकता और अभिनय मे अंतर नही कर पाती तभी तो अन्ना आन्दोलन मे राजनीति मे न आने की कसम खाने वाले अरविन्द केजरीवाल ने जब अपने बच्चो तक की कसमे खा ली तो जनता ने आँखमूंद कर विश्वास कर लिया.
इंडिया अगेन्स्ट करप्शन से शुरु हुई सेवा कब आम आदमी पार्टी मे बदल गई पता ही नही चला वहा भी हम उनकी राजनीति मे न आने की कसमो को भूल गये और 28 सीटे दे दी . इसी के साथ शुरु हुई बच्चो की कसमे की मर जायेंगे लेकिन कांग्रेस और भाजपा का साथ नही लेंगे , भगवान उनके बच्चो को अपने बाप की बुरी नीयत से बचाये लेकिन आखिर आप ने जिस कांग्रेस को पानी पी पी कर गरियाया था उसका साथ ले ही लिया . और जनता फिर एक बार आपके अभिनय की कायल हो गई अन्ना जैसे बुद्धजीवी ने भी आपके अभिनय की तारीफ बखूबी की .
आप की राजनीति शुरु ही आरोप लगाने से हुई आरोप ऐसे लगाये गये जैसा आजतक किसी ने सोचा न था जनता को कुछ नया देखने को मिला अब क्या कीजियेगा जनता को जब – जब कुछ नया या अलग हट कर अभिनय देखने को मिलता है तो वो उसकी ओर जरूर आकर्षित होती है और भूल जाती है की ये राजनीति है , तभी तो पहली बार किसी पार्टी के मुखिया ने उसी संसदीय क्षेत्र का चुनाव किया जहा से दूसरी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने का एलान किया . आप की इसी अदाकारी ने आपसे वो करवा दिया जहा अभिनय के दम पर काम नही चलता सिर्फ और सिर्फ सबूत काम आते है . मीडिया मे बने रहने की जिस आदत की वजह से आप शीला दीक्षित से लेकर कपिल सिब्बल तक के खिलाफ सबूत होने की बात करते थे वो सारे सबूत आपके दुबारा मुख्यमन्त्री बनते ही गायब हो जाते है . लेकिन आप भूल जाते है की जनता छोड़ सकती है लेकिन अदालत सबूत मांगती है जो आप दे न पाये और अपनी हार होते देखते आप ने वो कर दिया जिससे आपकी पार्टी ही शर्मसार हो जाये . आपका माफीनामा भारतीय राजनीति मे कुछ हटकर है और आप भी।
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