इश्क़ में
तड़प ,जूनून ,दर्द ,दिल्लगी
सिर्फ इश्क़ में ही मिलेगी
गर इश्क़ ना मिला तो तूं
और मिल गया तो दुनिया जलेगी
निकम्मा बनाता इश्क़ नहीं हैइश्क़ करने वाले होते ही निकम्मे है
इश्क़ की छुरियाँ चलती है जब दिल परआह तो नहीं निकलती
पर जाने क्या - क्या निकल जाता है
एक चेहरे के पीछे भागे हम बहुत है
सारी - सारी रात जागे हम बहुत है
सोये तो पुरे दिन भर थे हम
पर उस बेवफा के लिए रोये बहुत है
इश्क़ करना तो पूरी हिफाजत के साथ
दिल को थोड़ा संभाल के पूरी इनायत के साथ
टूटे हैं दिल बहुत यहाँ
बचे है थोड़े - थोड़ी मिलावट के साथ
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इश्क़
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