राहुल और पप्पू
आज सुबह - सुबह ही प्रिय प्रकाश राज से मुलाकात हो गई ..... बड़ी परेशान थी बेचारी जबसे उसका नैन पिचकाऊ वाला सीन प्रसिद्द हुआ है तबसे जो भी बड़ी हस्ती यह काम करती है बगल की तस्वीर में उसे भी डाल दिया जाता है। जवान की तो बात ठीक थी पर बुड्ढों के साथ कैसी तुलना। अभी कुछ दिन पहले ही अपने देश के एक होनहार बालक देश के सबसे बड़े क्लास रूम में आँख मारते दिखे , वैसे मारा बड़ा गजब का था स्माइल के साथ , ऐसा प्रदर्शन बिना अथक प्रयास के नहीं किया जा सकता।
उनकी मम्मी को भी अब समझना चाहिए की हर कोई सलमान खान नहीं होता , जल्दी से एक सुन्दर सुशील कन्या देखकर उनके हाथ पीले कर दे वर्ना जिस तरह से वे संसद में गले मिल रहे है उसको देख के लगता है की कही घर में ही जमाई न लाना पड़े। बाबू ने तो खुले आम स्वीकार भी कर लिया की लोग उन्हें पप्पू भी कहते है . वैसे बालक है बड़ा नादान। ऐसी बातो पर सबके सामने मुहर नहीं लगाना चाहिए।
वैसे जबसे राहुल गाँधी का गले मिलने वाला प्रकरण हुआ है तबसे भाजपा के सांसद उनसे दूर रहने लगे है ,कारण वही की कोई रिश्तेदारी न हो जाये न तो राजनीति में बड़ी भारी पड़ेगी।
" सोते हुए को जगा दिया तुमने
आज किसको गले लगा लिया तुमने "
मेरी कक्षा में एक बड़ा ही हंश्मुख लड़का था उसे हमेशा ही मॉनिटर बनने का शौक लगा रहता था। पर पढाई में निल बटा सन्नाटा और हरकते अजीबो गरीब होने के कारण उसका शौक कभी हकीकत में न बदल सका.कर्मठी वह बहुत था परन्तु उसे यह कभी समझ में नहीं आया की उसके अंदर मॉनिटर बनने के एक भी गुण विद्यमान नहीं थे और नाहीं उसने उन आवश्यक गुणों को कभी ग्रहण करने की कोशिश की।वो तो बस बाकि लोगो का मनोरंजन ही करता रह गया। और एक बात मेरा इशारा बिलकुल भी राहुल गाँधी की तरफ नहीं है।
मेरा मोदी जी से विनम्र निवेदन है राजनीति अपनी जगह है और प्रेम व्यवहार अपनी जगह। आखिर है तो अपने ही देश का एक बच्चा कृपया आप इस बालक को राजनीति के कुछ गुण ही सीखा दीजिये वर्ना कांग्रेस में बैठे बालक के चचा लोग इसे ऐसी ही उलटी सीढ़ी हरकते सीखाते रहेंगे आखिर ये कहावत इसीलिए तो बनी है की
" मुर्ख दोस्त से तो अच्छा होशियार दुश्मन होता है"
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