लज्जा करो सरकार
रोक सको तो रोक लो बंधु
ये सरकार तुम्हारी है
जनमत की आवाज है अब तो
बिना काम की चौकीदारी है
उड़ना - उड़ना छोड़के अब तो
कुछ तो ढंग का काम करो
क्या रक्खा है जुमलों में अब
जब जनता जान रही है सब
फेंकी थी जो विकास की बातें
बोलो अब करोगे कब
देश - विदेश की रबड़ी खाई
फ़्रांस की खाई रसमलाई
पाक ने दागी सीने पे गोली
निकल सकी ना तुम्हारे मुंह से बोली
अब कितना लहू बहाओगे तुम
पूछे शहीद की माँ हो गुमसुम
56 इंच का सीना लेकर क्या कसमे खाई थी
कुछ तो शर्म करो राजा जी
क्या अपने झूठे वादों पर
तनिक लाज ना आई थी।
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