baat



बात 

                                                                        
baat

बात करते करते बात बन जाए तो क्या बात है 
और अगर बात करनी इतनी ही जरूरी थी तो बात की क्यों नहीं 
फिर बात बताते हो की बात हुई 
पर बात बताई नहीं उसको 
बात बताओगे नहीं तो उसकी बात पता कैसे चलेगी 

बात रखे रहने में भी कोई बात नहीं है 

बात बताने से ही बात बढ़ेगी 
फिर कुछ बात उधर से होगी 
हो सके बात ना बन पाए 
हो सके बातों का सिलसिला शुरू हो जाये 
पर बात बताना अदब से 
यही बात की कलाकारी है 
बातों से  ही तो आजकल जंग लड़ी जाती है 
बातों में ही तो सम्मोहन है 

अगर बात बन गई तो क्या बात है 

कुछ बात तुम्हारी होगी कुछ बात उनकी होगी 
औरो की बातों पर ध्यान मत देना 
उनको केवल बातो में मजा लेना है 
पर तुमको बातो से ही जीवन चलाना है 
यही बात है मेरी 
कुछ और बात है तो आओ बातें करे 





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