atal ki kavita



Hindi motivational  श्रृंखला की शुरुआत आज महान कवि और राजनेता अटल बिहारी बाजपेयी जी की उस कविता की चँद पंक्तियों  से की जा रही है जिसमे उन्होंने जीवन में कभी भी आशा और उम्मीद को टूटने ना देने को कहा है। 






टूटे हुए तारों से फूटे वासंती स्वर
पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात
कोयल की कुहुक रात
प्राची में अरुणिमा की रेख देख पाता हूं
गीत नया गाता हूं
टूटे हुए सपने की सुने कौन सिसकी
अंतर को चीर व्यथा पलकों पर ठिठकी
हार नहीं मानूंगा
रार नहीं ठानूंगा
काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूं
गीत नया गाता हूं

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