राजनीति का खेल
हिन्दू- मुस्लिम ना कर बंदे
खेल है उनके सारे गन्दे
विकास की आस बस तेरे पास
तेरे खून से बुझेगी अब उनकी प्यास
उनके घर मंदिर मस्जिद
उनके घर मे सारी जात
तेरे लिये जतियो मे जात
तेरे लिये बस लव जेहाद
क्या कांग्रेस और क्या बीजेपी
क्या माया और क्या मुलायम
राज करेंगे सारे नेता
जबतक जाति और धर्म है कायम
तेरी समझ का खेल नही ये
जिसको कहते राजनीति है
मानवता का मेल नही ये
जिसको कहते राजनीति है
बातें करते ये बार - बार
काम ना करते एक भी बार
मुद्दे है इनके सारे बेकार
जनता से कहे ये हर बार
मौका दे हमको बस एक बार
अबकी बार मैं कहूँ सारे बेकार
है बस अब उसका इंतजार
जो मिटा दे नफरत करे सबसे प्यार
ना कराये विकास को लम्बा इंतजार
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