कुछ अपनी
जब जमाना ही ख़राब है
होंगे कद्रदान मेरे चेहरे के लाखो
दिल को समझने वाला मिले
कहाँ ऐसे जनाब है
आप चाहते है की ज़माने से छुप जाएँ
हुनर बोलता है हुजूर
यही इस सवाल का जवाब है
कोशिश बहुतों ने की
की हम मशहूर ना हो पाए
इतना आसान नहीं है
की लोग उन्हें जगाने वाले को भूल जाये
अभी तो सफर की शुरुआत हुई है
कारवां बनाना बाकी है
दौलत की चाह नहीं मुझको
आशियाँ दिलो में बनाना बाकी है
कब तक रोकेंगे वक़्त के थपेड़े हमें
अभी तो अपना वक़्त आना बाकी है
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