प्रेम
प्रेम एक लाइलाज रोग है जोकि अँखियों के झरोखे से शुरू होते हुए दिल के दरवाजे को खोलकर ऐसे कोने में घुसकर बैठ जाता है जहाँ से इसे निकालना नामुमकिन है। प्रायः यह रोग कुछ ही लोगो को अपनी चपेट में पूरी तरह से ले पाता है, बाकि इससे मिलते - जुलते अन्य रोग जैसे आकर्षण को ही प्रेम मान बैठते है जिसका इलाज संभव है।
प्रेम रोग से ग्रसित प्राणी प्रेम की प्राप्ति पर इस रोग के अगले दो सम्भावी चरणों में से एक चरण अर्थात सकारात्मक चरण में पहुँच जाता है जहाँ उसे अपने प्रेमी का साथ प्राप्त होता है , जिसके परिणामस्वरूप वह संसार के अन्य कष्टों को हंसकर पार कर जाता है।
दूसरे सम्भावी चरण अर्थात नकारात्मक चरण में पंहुचने पर वह मानसिक सामंजस्य खो बैठता है और कई कष्टों को आमंत्रण दे बैठता है।
बचाव - चूँकि बचाव इसके प्राथमिक चरण तक ही सीमित है यानि किसी से ज्यादा देर तक नैनो से बात करने का प्रयास मत करे साफ़ शब्दों में नैन मटक्का ना करे , वर्ना दिल के अंदर प्रवेश करने पर दुनियां में कहीं इसका इलाज संभव नहीं है।
क्वोरा पर दिए एक जवाब से साभार -
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें