abhinandan


अभिनन्दन 



कुछ खोज करो हर रोज करो - 3 
जिसने तुमको है जनम दिया -2 

उस माँ का वंदन रोज करो 


कुछ खोज करो हर रोज करो - 2 
है खुद से खुद का ये वचन
पहले तूं है मेरे चमन

इसको नमन हर रोज करो

कुछ खोज करो हर रोज करो - 2

चलता जीवन बहता पानी 
बोलो है कुछ , सब उसकी निशानी 
उससे मैं भी उससे तुमभी 
उससे सारा ब्रम्हांड चले 
उस प्रभु का अभिनन्दन रोज करो 
कुछ खोज करो हर रोज करो 

अक्षर ज्ञान कराया उसने 
जग से परिचय करवाया उसने 
इस अंधियारे मन मस्तिष्क में 
ज्ञान का ज्योत जलाया उसने 
ऐसे गुरु के चरणों को नमन हर रोज करो 
कुछ खोज करो हर रोज करो 



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