choti see bat

भाजपा को  लेकर छोटी सी बात- 


 मुझे आजतक नही पता था की देश मे मोदी भक्त कितने है लेकिन अगर उनकी संख्या 18 करोड़ है तो में इस बात को लेकर आश्वस्त हूँ की 2019 मे ये 18 करोड़ देशभक्त सिर्फ अपनी श्रीमतीजी का वोट ही भाजपा को दिला दे तो सरकार एक बार फिर भक्तो की ही रहेगी . 

बोफोर्स घोटाले मे ही तोता(सीबीआई ) द्वारा लन्दन की अदालत मे कहा गया की क्वात्रोची के खिलाफ  कोई सबूत नही है कोर्ट द्वारा खाता सील किये जाने से पूर्व ही पूरा पैसा निकल लिया गया अब क्वात्रोची के बारे मे पूरी जानकारी कही भी मिल जायेगी. उस समय सीबीआइ प्रमुख जोगिन्दर सिंह ने अपने उपर पड़ने वाले दबाव का जिक्र विस्तार से अपनी किताब मे किया है क्वात्रोची को बचाने  के लिये ही राजीव गाँधी ने अपने प्रिय मित्र अमिताभ बच्चन को फंसाया था इसका भी खुलासा कुछ दिन पूर्व ही उस समय स्वीडिश जांच एजेन्सी के प्रमुख ने किया था . 2जी स्पेक्ट्रम यदि घोटाला नही रहता तो सुप्रीम कोर्ट ए राजा को इतने दिन तक जेल मे सब्जी उगाने का काम नही देती और नाही राजग के समय होने वाली  स्पेक्ट्रम आवंटन मे उतना पैसा मिलता जितना विनोद राय  द्वारा कहा गया . उस समय की जांच को कांग्रेस द्वारा ही प्रभावित किया गया और कॉल आवंटन से सम्बंधित कई फाईले आग के हवाले की गई .   


कर्नाटक चुनावो मे यदि जनता को लगता है की वहा से बीजेपी प्रत्याशी भ्रष्ट है तो उसका जवाब वो इन चुनावो मे जरूर देगी .रही बात कश्मीर समस्या की जोकि कांग्रेस के परदादा की देन  है  तो वहा जिससे भी गठबंधन हो परंतु अलगाववादियो और आतंकवादियो पर आई शामत और सेना को मिली छूट जो की पत्थरबाजो  को आज जीप की बोनट पर घुमा रही खुद ही इसकी गवाही देते है . म्यानामार  की सीमा मे हम घुस कर आतंकवादियो से बदला लेते है , त्रिपुरा मे इसी कांग्रेस ने अपनी देशभक्ति का सबूत देते हुए आजतक तिरंगा नही लहराने दिया वहा आज शान से हम इसे सलामी देते है . आज आम आदमी को 1 रुपया पर बीमा उपलब्ध है स्वास्थ के लिए सस्ती दर पर बीमा उपलब्ध है . किसानो का कर्ज़ माफ होता है  पहली बार किसी सरकार ने कम से कम उनकी आय दूनी करने के बारे मे सोची तो वर्ना कांग्रेस वाले सिर्फ जीजा जी की आय बढाने के बारे मे ही सोचते थे उन्ही जीजा जी पर भाजपा सरकार ने 18 मामलो मे सीबीआइ जांच बैठा रखी है थोड़ा तो इंतजार कीजिये नही तो जीजा जी जेल चले गये तो सासु मां की तबियत वैसे ही खराब चल रही है . इतने भी निर्दयी नही है भाजपा वाले .

jane tu ya jane na

जाने तू या जाने ना  jane tu ya jane na  -


कब  मैंने  कहा था  की मुझे तुझपे ऐतबार नहीं 
इन छोटी छोटी बातों में प्यार नहीं 
कही अफसाना न बन जाये अपनी कहानी 
कही तू मत कह देना की तुझे मुझसे प्यार नहीं 

वो भीगते हुए  तेरे दीदार की चाहत 
वो  तेरी मुस्कुराहटो  में ढूंढती  हंसी अपनी 
वो  इन्तजार  में बैचेन निगाहें 
जाने तू या जाने ना 

काश कभी जिंदगी में वो मुकाम आता 
की बताते तुझे अपने दिल का हाल 
काश की तू इतना न भाता 
की बदली न होती अपनी चाल 


काश की इन धड़कनो में तू न  समाता 
की हर तरफ तू ही नजर आता 
इश्क़ हो गया है तुझसे 
माने  तू या माने  ना 
अधूरी सी लगती है जिंदगी अब तेरे बिन 
जाने तू या जाने ना 



 

modi bhakti

भक्त उसी के होते है जिसके कार्य महान होते है




एक होते  है प्रशंसक उसके बाद अनुयायी और सबसे बड़ा भक्त , भारतीय राजनीति मे शुरुआती दोनो प्रकार के लोग सदैव रहे है परंतु भक्त आजतक कोई राजनेता नही बना सका है . यह पहली बार है जब किसी नेता के अनुयायियो को भक्त कहा जाता है उसपर से अंधभक्त .


 कहा जाता है की भक्ति से ही शक्ति है यही कारण है की इन्ही भक्तो की भक्ति से प्राप्त शक्ति के कारण मोदी भारतीय राजनीति का वो चेहरा बन घुके है जिनपर लगने वाले आरोपो से उन्हे लाभ ही होता है . दशको बाद भारत को एक ऐसा नेता मिला जिसकी ईमानदारी पे किसी को कोई शक नही यह बात अलग है की पिछली सरकार अपने द्वारा किये गये भ्रष्टाचार का खामियाजा आजतक भुगत रही है और इस सरकार पर भी बेवजह आरोप लगाने से नही चुकती . 

लेकिन वो भूल जाती है की लोगो ने सरकार को भरपूर समर्थन दिया है और राज्यो मे होने वाले चुनाव यह बताते है की लोगो की भक्ति मे किसी तरह की कमी नही आई है . शासन के दौरान सुधार हेतु कुछ ऐसे निर्णय भी लेने पड़ते है जिनसे जनता मे नाराजगी उत्पन्न होती है इसी कारण कई राजनीतिक पार्टिया देश हित को त्याग कर वोट बैंक की राजनीति हेतु ऐसे निर्णय लेने से बचती है . मोजुदा सरकार ने इसकी परवाह ना करते हुए देशहित मे ऐसे अनेक निर्णय लिये जिनका लाभ भविष्य मे मिलना तय है परंतु इन्ही सब को लेकर विपक्ष द्वारा दुष्प्रचार की नीति जारी है .

 परंतु वे भी चाहे जितना प्रयास करले भक्तो के आगे सब विफल है . अगर उनमे काबिलियत है तो केवल अपने बिना लाभ वाले अनुयायी ही बनाकर दिखा दे भक्त तो दूर की बात है. फिलहाल विपक्ष भारतीय राजनीति मे खलनायक का वो चेहरा है जो हमे फिल्म नायक मे देखने को मिलता है जिसमे सारे विरोधी मिलकर भी एक नायक का कुछ नही कर पाते क्योंकि ये पब्लिक है ये सब जानती है .

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mahfil a dilli

महफ़िल ए दिल्ली  mahfil a dilli   



आज महफ़िल में तूफ़ान मचाते है हम 
चलो जरा दिल्ली घूम कर आते है हम 

रंग बदली है और बदली है फिजा भी देखो 
चारो तरफ धुंध ही धुंध  है और हवा भी  देखो

रंग बदला है देखो  आज उस दिल्ली का 
आप के हाथ में आज कमल है  देखो    

जहां मुमताज महल लाल किले  का जिक्र हुआ करता है 
पता नहीं  उस पर भी कब धब्ब्बा  लग जाये देखो 

दिल्ली ने तो दिल्ली वालो  को ही लूट लिया 
जनता भी उसमे पिसती  है देखो 

जिन्हे वोट देकर जिताया सभी ने 
आज उन्ही को अपने बयान पर माफ़ी मांगकर रोते देखो 

क्या कहे बड़े लोगों  की बातो को  
इनसे तो सच्चा गरीब का बच्चा है देखो 

जहाँ बड़े लोग लुटाते है देश का धन अपने स्वार्थ में 
देश के लिए जो मर - मिटे
उनके अपनों के दुखों को बांटकर तो देखो 

महलो में तो सजती रही है महफिले लाखो 
कभी गरीबखानो में भी महफिले जमा कर देखो 


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