रोमियो का इश्क़
ये जो मोहब्बत है सब उनकी ही सोहबत है
चाँद पर आशियाना बनाएंगे वे
कहते है इस जहां में इश्क़ से ज्यादा नफरत है
वहाँ छांव है तो यहाँ धूप है
सच जानते हुए भी सब चुप हैं
यहाँ झरनो के झरोखे है
हर चेहरे के दिलो में कुछ धोखे है
कुछ जी के मरते है
कुछ मर के जीते है
हम प्यार करने वाले है
हम इश्क़ में जीते मरते है
तुम घूमे गली - गली मुहल्ला
पर उन गलियों में गूंजे नाम हमारा ही लल्ला
हर मन में मंदिर , हर मंदिर में उसकी मूरत
पाप - पुण्य में उलझो तुम , वो तो देखे है बस सीरत
इश्क़ किया इस जहाँ से हमने
और तुमने रोमियो नाम रख दिया
सोहबत तो तुम्हारी ही थी
जाने ये कैसा काम कर दिया
रोमियो नाम रख दिया .........
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आशिक
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