होली है
रंग तेरा या रंग मेरा
इस उत्सव का एक ही प्रिये
हूँ तैयार रंग दे मुझको
प्रीत के इस रंग से प्रिये
है वाणी में गुजिया की मिठास
नशा भांग का तेरे पास
अबकी होली कुछ ऐसे खेले
रहे रंगो में जीवन की आस
मधुरिम - मधुरिम , मस्तम - मस्तम
रगो में चढ़ता होली का खुमार
शिकवे ना याद करो अब कोई
उड़ेगा रंग
फैलेगा प्यार
कहीं छुप जाये
जिसे बुलाये
चाहे जितना नाच नचाये
भीगेगी फिर से एक बार
चुनर वाली देखो आज
लेखक द्वारा क्वोरा पर दिए एक जवाब से साभार
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