HAPPY REPUBLIC DAY.

HAPPY REPUBLIC DAY.

HAPPY REPUBLIC DAY.
HAPPY REPUBLIC DAY.

Saare Jahan Se acha Hindustan humara
Hum bulbule hai iske ye gulsita hamara humara.
Happy Republic Day
Aao Jhuke Salam Kare Unko Jinke,
Hisse Mein Ye Muqam Aaya,
Khushnaseeb Hote hai we log,
Jinka lahu Desh Ke Kaam Aaya ,
Jai Hind Jai Bharat,


HAPPY REPUBLIC DAY.
HAPPY REPUBLIC DAY.

पकौड़े से अमेरिका के राष्ट्रपति तक


पकौड़े से अमेरिका के राष्ट्रपति तक pakoude se america ke rashtrpati tak 


जबसे पकौड़ा सुर्खियो मे आया और एक बेहतर रोजगार की बात हमारे प्रधानमंत्री जी द्वारा कही गई तबसे इस व्यवसाय के प्रति मैं अपना आकर्षण रोक नही पाया . जब एक आम इंसान चाय बेचकर प्रधानमंत्री बन सकता है तो मुझे लगा पकौड़ा से शुरुआत करके तो में अमेरिका का राष्ट्रपति बन सकता हूँ .


pakouda
पकौड़ा 





 सर्वप्रथम तो मैं एक बेहतरीन नाम की तलाश करने लगा सारी रीसर्च खत्म हुई खुद के नाम से ही . लगा अभी नाम के अनुसार कुछ कमी है तो इसमे कमी कहा रहने वाली थी हमने भी इंटरनैशनल लगा लिया . तो बन गया रायजी इंटरनैशनल पकौड़ा स्टाल . अब जरूरत थी इसके लिये स्थान की तो हमने सोचा इंडिया गेट उपयुक्त रहेगा , हो सके तो हमारे प्रधानमंत्री यहा से गुजरे और कभी गोभी या प्याज के पकौड़े खाये और हमारे मां बाप की तरह ही उन्हे हमपर गर्व हो . और यही स्थान भविष्य मे चलकर रोजगार क्रांति का प्रतीक चिन्ह बने जिससे हमारे देश के युवा प्रेरणा ले सके . और हमारी प्रसिद्दि अमेरिका तक जा पहुचे और वहा के युवा पकौड़े पे चर्चा के लिये हमारे पास आने लगे और हम पूरे अमेरिका मे पकौड़े पे चर्चा करवा के एक दिन वहा के राष्ट्रपति बन जाये . फिर ,…………. फिर क्या फिर आप भी देखियेगा टेलीविजन पर हमको चाय और पकौड़े के साथ..



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उफ्फ ये बेरोजगारी 

COMMAN MAN

आम आदमी -गंवई  aam aadmi 

गाँव मे दो लोग आपस मे बात करते हुए. पहला -भैया ये मोदी और योगी का करत है आजकल, कुछ समझे मे नही आ रहा दूसरा – भैया समझ मे तो उनको भी नही आ रहा है देखे नही एक्के काम मे कितना स्टॅंड ले रहे है. पहला – हा भैया पर मोदी तो पूरा संसारे घूम लिये पर हम लोगो के बीच तो कब्बो नही आये , का गंगा मैया उनको अब नही बुला रही का दूसरा – नाही भैया जौने गंगा मैया के उ सॉफ करे के कहे रहे उ तो बांट जोहत जोहत थक गई अब हमनी के चुनाव के इंतजार कइल जा तब्बे उ मिलिहे पहला – भैया सुने रहे मोदी हम किसान के आय दुगना करे के सोचत हवे. पर ईहा त खाद, बिया,डीजल सबके दाम बढ गईल .


COMMAN MAN
आम आदमी 

भैया ई फैक्ट्री के मालिक आपन समान के दाम खुद तय करत है. और हम दिन रात पसीना बहा के महन्गा खाद बिया दवाई डाल के फसल उगावत है और दाम सरकार तय करत है ,भैया ई कहा के इंसाफी ह . दूसरा – भैया ई इंसाफी ना सरकार राज ह . तब्बे त किसान आजतक गरीब ह . आत्महत्या करत ह . पर सरकार के का , सरकार त बस किसान खातिर योजना बनावेली और उहे टीवी पर दिखाकर जनता के उल्लू बनावल जाता, ईहा जमीन पर कहा काम होता. पहला – ठीके कहत हॅव भैया पर अगर किसान ही ना रही त ई पूरा देश के पेट कैसे भरी , दूसरा – अरे बुरबक पहले आपन पेट के देख , देश खातिर जब ई देश के नेता ना सोचत हवे त हम गरीब कहा से सोचल जा..





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