सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
इस माह की १० सबसे लोकप्रिय रचनायें
-
करतार सिंह सराभा 15 अगस्त 1947 की वह सुबह पूरे भारतवासियों के लिए न केवल आजादी के खूबसूरत एहसास से भरी थी, बल्कि दिलों में एक कसक लिए हुए ...
-
आजकल मैं अर्नब द्वारा की जाने वाली पत्रकारिता से पूर्ण रूप से सहमत नहीं रहता हूँ , लेकिन कांग्रेस की दमनकारी नीती देखकर कहीं ना कहीं ...
-
उफ्फ ये बेरोजगारी - uff ye berojgari कहते है खाली दिमाग शैतान का पर इस दिमाग में भरे क्या ? जबसे इंडिया में स्किल डिव्ल्पमें...
-
बिहार चुनाव 2025: लोकतंत्र की धड़कन और मतदाता की भूमिका बिहार चुनाव 2025 की ताज़ा जानकारी, मुख्य मुद्दे, और लोकतंत्र में मतदाता की अहम भूमिक...
-
कोरोना , मजदूर और जिंदगी घर पर रहते हुए भी सुकून का ना होना मजदूरो और कामगारो के लिए कोई नया नहीं है | लेकिन कोरोना से बचने के चक्कर में ...
-
घर के मंदिर में भगवान श्रीराम की भक्ति भाव से भरे दादा जी ने श्री रामचरितमानस खोलते हुए अपने ७ साल के पोते से पूछा, '' पोते, बताओ तो...
-
जाति क्यों नहीं जाती ज़िन्दा थे तो बे बेनूर थे और मारके कोहिनूर बना दिया हुक्मराणो ...
-
डियर डायरी जब आप प्रेम मे होते है तो आप स्वयं मे नहीं होते बल्कि एक अद्भुत एहसास की घनी और कोमल चादरों की परतो से लिपटे होते है , जिसको श...
-
कुछ अपनी गुमनाम रहने की आदत क्यों डालू मैं जब जमाना ही ख़राब है होंगे कद्रदान मेरे चेहरे के लाखो दिल को समझने वाला मिले कहाँ...
SPECIAL POST
uff ye berojgaari
उफ्फ ये बेरोजगारी - uff ye berojgari कहते है खाली दिमाग शैतान का पर इस दिमाग में भरे क्या ? जबसे इंडिया में स्किल डिव्ल्पमें...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें