डियर डायरी
जब आप प्रेम मे होते है तो आप स्वयं मे नहीं होते बल्कि एक अद्भुत एहसास की घनी और कोमल चादरों की परतो से लिपटे होते है , जिसको शब्दो मे उतारना संभव नहीं | यह एक ऐसा एहसास है जिसके चरम की स्पष्ट व्याख्या देने मे बड़े से बड़े प्रेमी भी बगले झाँकने लगे | ऐसे मे मात्र इसकी अनुभूति ही निराकार प्रेम को अप्रत्यक्ष रूप से प्रकट करती है |
प्रेम मे खो जाना और प्रेम मे हो जाना ठीक वैसा ही है जैसे अथाह गहरे सागर मे मूकदर्शक बनकर स्वयं को डूबते हुए देखना | हालांकि प्रेम रूपी समंदर दुनियाँ का इकलौता ऐसा समंदर है जहां हमे पता चलता है की इसका असली मजा तो डूबने मे ही है जिसके बाद हम स्वतः तैरना सीख जाते है | ये अलग बात है की दूसरों को इस समंदर मे तैरना सीखाने का दावा करने वाले ना जाने कितने लोग गुमनाम हो गए |
प्रेम मे अक्सर ही हम साथ जीने मरने की कसमें खाते है , कई सारे ख्वाब , वादों के बगीचे मे सींचे जाते है , यहाँ तक की प्रेम मे डूबी भावनाओं की छाप को भी हम .......... प्रेम की दीवारों और प्रेम के पन्नो पर छोड़ जाते है | ऐसी ही एक भावना को प्रेम की स्याही भरकर , चाहत की कलम से डायरी के पन्ने पर लिखा था उसने , जो वर्तमान में अतीत को जिंदा रखे हुए थी ।
बेहद ही खूबसूरती के साथ , कला और वाणी के अद्भुत मेल से बनी, लैंप पोस्ट की यह अनूठी रचना , दर्शकों के हृदय पर एक अमिट छाप छोड़ जाती है ।
आखिर क्या थी वह भावना ? क्या लिखा था उस डायरी पर ? और कैसी है यह कहानी ?
ना केवल जानने के लिए बल्कि प्रेम में होने के लिए यह वीडियो अंत तक जरूर देखें ।